आशा सहित प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरकों को किया गया प्रशिक्षित: प्रभारी सिविल सर्जन
-तापमान, पल्स एवं ऑक्सीजन लेवल की जानकारी एकसाथ होगी उपलब्ध-
-लक्षण के अनुरूप जरूरी है कोरोना जांच-
सहरसा, 21 अगस्त। संभावित कोरोना की तीसरी लहर और उसमें 18 वर्ष से कम उम्र के किशोर एवं बच्चों के संक्रमित होने की संभावना को देखते हुए सामुदायिक स्तर के कार्यकर्त्ता यथा- आशा, आशा फैसिलिटेटर एवं प्रंखड सामुदायिक उत्प्रेरकों को आज पारा मेडिकल संस्थान सहरसा में पल्स ऑक्सीमीटर के उपयोग एवं पठन लेने संबंधी प्रशिक्षण 1-1 घंटे के दो पालियों में आयोजित कर दिया गया। इस मौके पर प्रभारी सिविल सर्जन डा. एस. पी. विश्वास, डीसीएम राहुल किशोर, जिले के सभी प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक, स्टोर इंचार्ज दिलीप कुमार सहित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सहरसा बस्ती के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. आर. के. सिंह मौजूद थे। ज्ञात हो कि सहरसा जिले को अमेरिकन इंडिया फाउण्डेशन द्वारा 1500 ऑक्सीमीटर उपलब्ध कराये गये थे। जिसे अमेरिकन इंडिया फउण्डेशन के जिला समन्वयक संदीप यादव द्वारा जिला स्वास्थ्य समिति, सहरसा को हस्तगत कराया गया।
तापमान, पल्स एवं ऑक्सीजन लेवल की जानकारी एकसाथ होगी उपलब्ध-
प्रभारी सिविल सर्जन डा. एस. पी. विश्वास ने बताया इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य संभावित कोरोना की तीसरी लहर के संक्रमण दर का तीव्र होना एवं 18 वर्ष से कम उम्र के किशोर एवं बच्चों के संक्रमित हो जाने की अवस्था में उनके स्वास्थ्य प्रबंधन की एक बड़ी जिम्मेदारी से निपटने की पूर्व तैयारी है। उन्होंने कहा 18 वर्ष अधिक एवं इससे कम उम्र के लोगों के कोरोना संक्रमित हो जाने पर स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक देखभाल की जरूरतों में काफी भिन्नता रहती है। कम उम्र के किशोर एवं बच्चे अपनी शारीरिक अवस्था की पूर्ण जानकारी चिकित्सकों सहित अपने अभिभावकों को दे पाने में असमर्थ रहते हैं। ऐसे में आवश्यक है कि उनके संक्रमित हो जाने की स्थिति में तापमान, पल्स एवं ऑक्सीजन लेवल की निश्चित समय अंतराल पर पठन लेते हुए तालिका बद्ध किया जाय ताकि उन्हें समुचित चिकित्सीय प्रबंधन करते हुए बचाया जा सके।
लक्षण के अनुरूप जरूरी है
कोरोना जांच-
उन्होंने कहा कोरोना की दूसरी लहर के दौरान संक्रमितों के इलाज करने के दौरान पाया गया कि ऑक्सीजन लेवल की जानकारी नहीं होने के कारण कई संक्रमित अतिगंभीर अवस्था में पाये गये। कोरोना एक सांस संबंधी रोग है, इसके लक्षण समान्य सर्दी, बुखार से काफी मिलते जुलते हैं। संक्रमण के शुरुआती दौर में सामान्य जनों को यह तय कर पाना मुश्किल है कि यह मौसमी फ्लू है या कोरोना संक्रमण। इसलिए जरूरी है कि इस प्रकार के कोई भी लक्षण आपमें दिखे तो अपना कोरोना जांच अवश्य करवायें। जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर कोरोना जांच निःशुल्क की जा रही है।
सहरसा से बलराम कुमार शर्मा की रिपोर्ट
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