सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

कोशी के जन सेवक लोकप्रिय माननीय सांसद श्री दिनेश चंद्र यादव जी ने आम जन से अपील करते है

कोशी के जन सेवक लोकप्रिय माननीय सांसद श्री दिनेश चंद्र यादव जी ने आम जन से अपील करते है 

ओमीक्रान से भयभीत नहीं सतर्क होने की जरूरत है
आप सभी सैफ रहे सतर्क रहें सुरक्षित रहें बिला वजह घर से बाहर नही जाएं 
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने इसे वेरिएंट ऑफ कंसर्न की संज्ञा दी है और नाम दिया है ओमिक्रान। इसको लेकर दुनियाभर के देश सतर्क होने लगे हैं और भय का माहौल भी ओमिक्रोन फिर से पैर पसारने लगा है। कहा जा रहा है कि ओमीक्रान की एक बात ध्यान रखने योग्य है कि रोग की संक्रामकता और घातकता में कोई संबंध नहीं होता।
कोई रोग बहुत संक्रामक होते हुए भी जीवन के लिए बहुत घातक नहीं होते कई रोग कम संक्रामक होते हुए भी बहुत घातक होते हैं।

इस संक्रमण की शुरुआत ड्राई कोल्ड वेदर में हो रही है।
यह वायुजनित (एअरबार्न) संक्रमण है। इसका वायरस श्वसन मार्ग से मनुष्य के अंदर प्रवेश कर रहा है।
 इसके रोकथाम में सबसे जरूरी संसाधन मास्क है। यदि सभी लोग सार्वजनिक स्थलों में जायें तो मास्क जरूर लगाएं वायरस बाहर नहीं निकलने पाएगा। जिससे इसका संक्रमण स्वयं बाधित हो जायेगा
यह संक्रमण संक्रमित के भीतर पहले से उपस्थित किसी रोग की अवस्था को कई गुना बढ़ा देता है। और वही पूर्व का रोग घातक साबित होता है। अतः स्वयं को स्वस्थ बनाए रखना अति आवश्यक है  
सर्दी, खांसी,बुखार,बदन दर्द, सांस लेने में तकलीफ उल्टी ,पेट में दर्द होने पर निकट सदर अस्पताल जाकर डॉक्टर को दिखाएं और कोरोना का जांच भी जरूर करवायें जो कोविद का टीका नही लिये है 
टीका अवश्य लगवाएं  खुद भी लगवाएं और दूसरे को भी प्रेरित करें जान है तो जहान है।



 सहरसा से बलराम कुमार शर्मा की रिपोर्ट

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

प्रशांत किशोर की बातों से ग्रामीणों में आया जोश, बारिश में भींग-भींगकर सभा में भाग लिया

प्रशांत किशोर की बातों से ग्रामीणों में आया जोश, बारिश में भींग-भींगकर सभा में भाग लिया  सहरसा  प्रशांत किशोर ने लालू-नीतीश पर किया तंज, बोले- बिहार में तो दो ही दल है, एक लालू जी का लालटेन और दूसरा मोदी जी का भाजपा, नीतीश जी का पता ही नहीं कि कब वे लालटेन पर लटकेंगे और कब कमल के फूल पर बैठ जाएंगे। जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने सहरसा के सोनबरसा ब्लॉक से पदयात्रा शुरू कर दी है। बारिश में भींग-भींगकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं। प्रशांत किशोर की बातों और भाषणों से लोग इस कदर प्रभावित हैं कि बारिश में भींग-भींगकर पदयात्रा में उनके साथ कदम से कदम मिला रहे हैं। प्रशांत किशोर ने लालू-नीतीश पर तंज कसते हुए कहा कि लोग कहते हैं कि हमारे पास विकल्प ही नहीं है, हम किसको वोट दें? बिहार में तो दो ही दल है, एक लालू जी का लालटेन और दूसरा मोदी जी का भाजपा। नीतीश जी का पता ही नहीं कि कब वे लालटेन पर लटकेंगे और कब कमल के फूल पर बैठ जाएंगे? हमने ये संकल्प लिया है अगर भगवान ने हमें जो बुद्धि, ताकत दी है, लोग कहते हैं हम जिसका हाथ पकड़ लें, वो राजा हो जाता है। तो इस

उत्पाद पुलिस ने भारी मात्रा में विदेशी शराब बरामद के साथ एक तस्कर एवं 15 शराबी गिरफ्तार ।

उत्पाद पुलिस ने भारी मात्रा में विदेशी शराब बरामद के साथ एक तस्कर एवं 15 शराबी गिरफ्तार । बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद भी आए दिन शराब की बड़ी खेप को पुलिस ने किउल रेलवे स्टेशन पर ट्रेन में छापेमारी कर बरामद करते हुए एक तस्कर को गिरफ्तार किया। पुलिस इन तस्कर पर कार्रवाई कर भारी मात्रा में विदेशी शराब को बराबर किया। गिरफ्तार तस्कर पटना जिले के नदी थाना क्षेत्र के अंतर्गत जेठुली निवासी रघुवंश राय के पुत्र राजेश कुमार को गिरफ्तार किया।। ग़ौरतलब है कि बिहार में अक्सर पड़ोसी राज्यों से आ रही शराब की खेप को बरामद किया जाता है।  वही उत्पाद सबइंस्पेक्टर गुड्डू कुमार ने बताया कि किउल रेलवे स्टेशन पर ट्रेन में छापेमारी के दौरान 75 लीटर अवैध कैन बियर एवं 27 लीटर रॉयल स्टेग विदेशी शराब जप्त किया गया। साथ एक तस्कर एवं तीन थाना क्षेत्रों से 15 शराबियों को गिरफ्तार किया उन्होंने बताया कि सभी आरोपियों के खिलाफ उत्पाद अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए बुधवार को जेल भेजा गया है।         अभय कुमार अभय की रिपोर्ट 

साहित्य संसार: साक्षात्कार

कवि और कलाकार अशोक धीवर "जलक्षत्री "छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में  स्थित तुलसी ( तिलदा नेवरा ) के निवासी हैं।   इन्होंने  दहेज प्रथा और समाज में कन्याओं की दशा के अलावा अन्य सामाजिक बुराइयों के बारे में पुस्तक लेखन और संपादन का काम किया है। मूर्तिकला में भी इनकी रुचि है।  यहां प्रस्तुत है ,  प्रश्न:आप अपने घर परिवार और शिक्षा दीक्षा के बारे में बताएं? *उत्तर:मेरा बचपन बहुत ही गरीबी में बिता। मेरे माता-पिता ने अपने नि:संतान चाचा- चाची के मांगने पर मुझे दान दे दिए थे। अर्थात् उन लोगों ने गोद लेकर मेरा परवरिश किया। तब से वे लोग मेरे माता-पिता और मैं उनका दत्तक पुत्र बना। इसलिए बचपन से ही मैंने ठान लिया था कि, जिसने अपने कलेजे के टुकड़े का दान कर दिया। उनका भी मान बढ़ाना है, सेवा करना है तथा जिन्होंने अपने पेट का कौर बचाकर मेरा पेट भरा, उनका भी नाम तथा मान बढ़ाना है। सेवा करना है। गरीबी के कारण दसवीं तक पढ़ पाया था। व्यावसायिक पाठ्यक्रम के तहत बारहवीं उत्तीर्ण किया। उसी समय मैंने सोच लिया था कि आगे बढ़ने के लिए कम पढ़ाई को बाधक बनने नहीं दूंगा और जो काम उच्च शिक्षा प्र