प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर समारोहपूर्वक कार्यक्रम आयोजित किया गया।
जिसका विधिवत उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलन द्वारा नगर निगम आयुक्त विभूति रंजन चौधरी ने किया।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज हमारे देश के प्रधानमंत्री योग दिवस पर संयुक्त राष्ट्र में उनके आमंत्रण पर योग कार्यक्रम में शामिल हुए हैं। यह हमारे देश के लिए बहुत ही गौरव की बात है। ब्रह्मा कुमारीज़ योग के प्रचार-प्रसार के लिए वर्षों से प्रयत्नशील है। परिणामस्वरूप 140 से भी अधिक देशों में राजयोग का प्रशिक्षण जन-जन को दिया जा रहा है और उन्हें स्वस्थ एवं खुशनुमा जीवन जीने की कला सिखाई जा रही है।
डॉ० राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के डायरेक्टर ऑफ एक्सटेंशन एजुकेशन डॉ० एम. एस. कुंडू ने मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन में कहा कि योग हमारी सोई हुई सकारात्मक शक्तियों को जगाता है, जिससे हमारे जीवन में मानवीय मूल्यों की तेजी से वृद्धि होती है। आज लोग शान्ति की खोज में हैं लेकिन उसके लिए उसकी अनुभूति के लिए राजयोग एक सशक्त माध्यम है, जिसका हम नियमित रूप से अभ्यास करें तो हम गहन शान्ति का अनुभव कर सकते हैं।
बीके तरुण ने इस वर्ष की थीम- मानवता पर संबोधित करते हुए कहा कि हम मानवता को दो रूप में देख सकते हैं। एक तो सारे विश्व के प्रति मानवता के कल्याण की भावना, जो हमारे शास्त्रों में सर्वे भवन्तु सुखिन: की भावना से की गई है। ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा सिखाये जा रहे राजयोग के द्वारा हम सारे विश्व में सर्व के कल्याण हेतु प्रक्रम्पन्न संप्रेषित करते हैं। मानवता का दूसरा अर्थ है- स्वयं के भीतर छिपे मानवीय मूल्यों को जागृत करना। राजयोग हमें हमारी सत्य पहचान से अवगत कराता है, जिसके द्वारा हमारे अंदर शान्ति, प्रेम, खुशी, दया, करुणा, क्षमा, सहनशीलता, सहयोग जैसे मानवीय मूल्य जागृत होने लगते हैं।
कार्यक्रम को डॉ० आर. के. मिश्रा, डॉ० कनुप्रिया, डॉ० अमृता ने भी संबोधित किया।
बीके सविता बहन ने राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास कराया।
कार्यक्रम का संचालन कृष्ण भाई ने करते हुए कहा कि जैसे भगवान की महिमा अपरंपार है, भारत की महिमा अपरंपार है वैसे योग की भी महिमा अपरंपार है।
अंत में सबों को म्यूजिकल एक्सरसाइज भी कराई गई।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ० पंकज, प्रणय भाई, राजकुमार भाई, वरुण भाई, सुनील भाई, विजय भाई, अशोक भाई, संजीव भाई आदि उपस्थित थे।
अर्णव आर्या
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