30 अगस्त को देर रात लगभग 9.04 मिनट तक भद्रा रहने की वजह से 31अगस्त को ही रक्षाबंधन मनाना उचित :-ज्योतिषाचार्य पंडित तरुण झा!
ब्रज किशोर ज्योतिष संस्थान,सहरसा के संस्थापक एवं निर्देशक ज्योतिषाचार्य पंडित तरुण झा के अनुसार,उन्होंने बताया की मिथिला विश्वविद्यालय पंचांग के अनुसार,31 अगस्त को सवेरे ईश्वर को घर के श्रेष्ठ व्यक्ति को रक्षा सूत्र 07.53 सवेरे से पहले अर्पित जरूर करनी चाहिए एवं तत्पश्चात पुरे दिन बहन अपने भाई को राखी बांध सकती है,शास्त्र के अनुसार, जिसका उदय होता है, उसी का अस्त होता है!
इस बार श्रावण पूर्णिमा 30 अगस्त को 10.19 सवेरे से शुरू होकर 31 अगस्त को 07.53 बजे तक रहेगी, लेकिन 30 अगस्त को देर रात 09.04 तक भद्रा रहने के कारण ये उदया तिथि की पूर्णिमा 31 अगस्त को ही सुबह से पुरे दिन रक्षाबंधन होगा!
रक्षाबंधन के दिन कलाई पर बांधा गया राखी का धागा सिर्फ एक धागा नहीं होता बल्कि यह भाई बहन के प्रेम का सूत्र होता है, बहन अपने भाई को राखी इसलिए भी बांधती है ताकि उसके जीवन पर किसी भी प्रकार कोई संकट न आ सके,बहन इस दिन अपने भाई के लिए व्रत रखती है और तब तक कुछ भी नही खाती जब तक वह अपने भाई को राखी न बांध दे।
:-राखी बांधने से पहले इस मंत्र को बोले :-
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।
सहरसा से बलराम कुमार
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