सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Sub Heading जीते जी रक्तदान मरणोपरांत नेत्रदान अंगदान देहदान बिमलेश भगत

जीवन रक्षक सोसाइटी सहरसा के संस्थापक बिमलेश भगत ने लिया नेत्रदान व अंगदान का सं


महर्षि दधीचि के अंगदान, देहदान   की परंपरा से प्रेरित होकर जीवन रक्षक सोसायटी के संस्थापक बिमलेश भगत ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के वेबसाइट पर अपने अंगदान के लिए ऑनलाइन सहमति देकर प्रमाण पत्र प्राप्त किया, अंगदान में लिवर ,किडनी ,हार्ट, फेफड़ा,आत, पेनक्रियाज  एवं उत्तक जैसे हड्डी, त्वचा, आंख की कॉर्निया, हृदय वाल्व, रक्त वाहिकाएं, नस और कण्डरा आदि हैं।
 उन्होंने कहा मृत्यु के बाद भी यदि जीवित रहना चाहते हो या जीवन जीना चाहते हो तो इसका एक ही उपाय हैं .. "अंगदान" !!

यह एक अटूट व अटल सत्य है की एक दिन हम सभी को यह दुनिया छोड़कर महानिर्वाण की ओर चले जाना है और महानिर्वाण की प्राप्ति के साथ ही शरीर की सुंदरता व शरीर के अंगों को भी खाक में मिल जाना होता है, लेकिन अगर जाते-जाते यह शरीर और शरीर के अंग किसी जरूरतमंद के जीवन को बचाने के काम आते हैं तो दुनिया मे इससे बड़ा दूसरा कोई ओर पुण्य का काम नहीं हो सकता है तो आइए इस महादान के कार्य मे जुड़कर किसी के जीवन को बचाने का संकल्प लें 
बिमलेश ने कहा मुझे अंगदान का संकल्प लेकर  तनिक सा भी संकोच नहीं है मेरे मरने के बाद मेरे शरीर के अंग किसी जरूरतमंद लोगों को उजाला प्रदान करेगा, कई लोगों को फिर से देखने का एवं जीवन जीने का अवसर मिले इससे बेहतर मेरे लिए क्या हो सकता है, मृत्यु तो अटल सत्य है एक न एक दिन सभी को जाना है, लेकिन जाते जाते कई जिंदगियों को बचा कर जाएंगे मेरा संकल्प जब तक जीवित हूँ करता रहूँगा रक्तदान , मरने के बाद नेत्रदान/अंगदान/ देहदान।
वही सोसल मीडिया पर इस कार्य को काफी सराहा गया, युवा क्रांति के संरक्षक खगेश कुमार ने कहा मेरे पास इस महान कार्य के लिए शब्द नहीं हैं, युवा क्रांति के सि0 ब0 पुर प्रखंड अध्यक्ष पंकज निगम ने कहा अंगदान कर अनंत जीवन पा सकते है। कई लोगों ने सराहना करते हुए सलाम कहा।


सहरसा से बलराम कुमार शर्मा

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

प्रशांत किशोर की बातों से ग्रामीणों में आया जोश, बारिश में भींग-भींगकर सभा में भाग लिया

प्रशांत किशोर की बातों से ग्रामीणों में आया जोश, बारिश में भींग-भींगकर सभा में भाग लिया  सहरसा  प्रशांत किशोर ने लालू-नीतीश पर किया तंज, बोले- बिहार में तो दो ही दल है, एक लालू जी का लालटेन और दूसरा मोदी जी का भाजपा, नीतीश जी का पता ही नहीं कि कब वे लालटेन पर लटकेंगे और कब कमल के फूल पर बैठ जाएंगे। जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने सहरसा के सोनबरसा ब्लॉक से पदयात्रा शुरू कर दी है। बारिश में भींग-भींगकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं। प्रशांत किशोर की बातों और भाषणों से लोग इस कदर प्रभावित हैं कि बारिश में भींग-भींगकर पदयात्रा में उनके साथ कदम से कदम मिला रहे हैं। प्रशांत किशोर ने लालू-नीतीश पर तंज कसते हुए कहा कि लोग कहते हैं कि हमारे पास विकल्प ही नहीं है, हम किसको वोट दें? बिहार में तो दो ही दल है, एक लालू जी का लालटेन और दूसरा मोदी जी का भाजपा। नीतीश जी का पता ही नहीं कि कब वे लालटेन पर लटकेंगे और कब कमल के फूल पर बैठ जाएंगे? हमने ये संकल्प लिया है अगर भगवान ने हमें जो बुद्धि, ताकत दी है, लोग कहते हैं हम जिसका हाथ पकड़ लें, वो राजा हो जाता है। तो इस

उत्पाद पुलिस ने भारी मात्रा में विदेशी शराब बरामद के साथ एक तस्कर एवं 15 शराबी गिरफ्तार ।

उत्पाद पुलिस ने भारी मात्रा में विदेशी शराब बरामद के साथ एक तस्कर एवं 15 शराबी गिरफ्तार । बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद भी आए दिन शराब की बड़ी खेप को पुलिस ने किउल रेलवे स्टेशन पर ट्रेन में छापेमारी कर बरामद करते हुए एक तस्कर को गिरफ्तार किया। पुलिस इन तस्कर पर कार्रवाई कर भारी मात्रा में विदेशी शराब को बराबर किया। गिरफ्तार तस्कर पटना जिले के नदी थाना क्षेत्र के अंतर्गत जेठुली निवासी रघुवंश राय के पुत्र राजेश कुमार को गिरफ्तार किया।। ग़ौरतलब है कि बिहार में अक्सर पड़ोसी राज्यों से आ रही शराब की खेप को बरामद किया जाता है।  वही उत्पाद सबइंस्पेक्टर गुड्डू कुमार ने बताया कि किउल रेलवे स्टेशन पर ट्रेन में छापेमारी के दौरान 75 लीटर अवैध कैन बियर एवं 27 लीटर रॉयल स्टेग विदेशी शराब जप्त किया गया। साथ एक तस्कर एवं तीन थाना क्षेत्रों से 15 शराबियों को गिरफ्तार किया उन्होंने बताया कि सभी आरोपियों के खिलाफ उत्पाद अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए बुधवार को जेल भेजा गया है।         अभय कुमार अभय की रिपोर्ट 

साहित्य संसार: साक्षात्कार

कवि और कलाकार अशोक धीवर "जलक्षत्री "छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में  स्थित तुलसी ( तिलदा नेवरा ) के निवासी हैं।   इन्होंने  दहेज प्रथा और समाज में कन्याओं की दशा के अलावा अन्य सामाजिक बुराइयों के बारे में पुस्तक लेखन और संपादन का काम किया है। मूर्तिकला में भी इनकी रुचि है।  यहां प्रस्तुत है ,  प्रश्न:आप अपने घर परिवार और शिक्षा दीक्षा के बारे में बताएं? *उत्तर:मेरा बचपन बहुत ही गरीबी में बिता। मेरे माता-पिता ने अपने नि:संतान चाचा- चाची के मांगने पर मुझे दान दे दिए थे। अर्थात् उन लोगों ने गोद लेकर मेरा परवरिश किया। तब से वे लोग मेरे माता-पिता और मैं उनका दत्तक पुत्र बना। इसलिए बचपन से ही मैंने ठान लिया था कि, जिसने अपने कलेजे के टुकड़े का दान कर दिया। उनका भी मान बढ़ाना है, सेवा करना है तथा जिन्होंने अपने पेट का कौर बचाकर मेरा पेट भरा, उनका भी नाम तथा मान बढ़ाना है। सेवा करना है। गरीबी के कारण दसवीं तक पढ़ पाया था। व्यावसायिक पाठ्यक्रम के तहत बारहवीं उत्तीर्ण किया। उसी समय मैंने सोच लिया था कि आगे बढ़ने के लिए कम पढ़ाई को बाधक बनने नहीं दूंगा और जो काम उच्च शिक्षा प्र