कश्मीर में आतंकवाद उन्मूलन और संसद की सुरक्षा में बिहार होमगार्ड के जवानों को भी वर्तमान में लगाया जाए!
देश के अन्य सुरक्षा बलों की तरह बिहार होमगार्ड ने पिछले सालों में अपनी कारगर सेवा में काफी साख कायम की है। इसके जवानों को तमाम सुपरफास्ट ट्रेन के अलावा राजधानी एक्सप्रेस और बिहार में वंदे भारत में भी गश्ती के लिए भेजा जा सकता है । पटना से दिल्ली आने में इस प्रकार इनको कोई कठिनाई नहीं होगी। इसमें ग्रामीण युवाओं की प्रधानता है और देशभक्ति इनमें कूट कूट कर भरी है। इनका चयन बिहार के आइएएस कैडर के वरिष्ठ अधिकारी अपनी निगरानी में खुद करते हैं। वर्तमान में संसद की सुरक्षा का काम केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल को सरकार ने सौंप दिया है। यह बेहतर होगा कि बिहार होमगार्ड के अलावा आगे देश के तमाम राज्यों के पुलिस बलों को मिला कर संसद की सुरक्षा के लिए एक विशेष पुलिस बल का गठन किया जाय। इससे देश के समस्त पुलिस बलों के एकीकरण का जनता का सपना भी साकार होगा और फिर देशवासी संसद भवन आराम से घूम सकेंगे। संसद भवन सभागार भी शायद प्रतिष्ठित संस्थानों को सभा गोष्ठी आयोजन के लिए दिया जाता है और भारतीय ज्ञानपीठ के मूर्तिदेवी पुरस्कार कार्यक्रम में मैंने यहां हिस्सा लिया था। भारतीय ज्ञानपीठ अपना सभागार बनवाए और यहां शराब सिगरेटखोरी बंद हो । यहां सभी दलों के दलित पिछड़े नेताओं का जनता पैनल डिस्कशन सुभाष कश्यप की अध्यक्षता में हो और वे संविधान के बारे में रोज संसद के टीवी चैनल पर सारे लोग भाषण दें। संसद की सुरक्षा में बिहार होमगार्ड के जवानों को भी लगाया जाए। पटना शहर की तरह दिल्ली के इस संवेदनशील इलाकों में उनकी सुरक्षा सेवा महत्वपूर्ण साबित होगी। होम गार्ड चाहे बिहार के हों या किसी भी राज्य के निवासी हैं वे सारे भारत को अपना घर समझते हैं और आतंकवादियों की चाल विफल करने में सक्षम हैं। सरदार वल्लभभाई पटेल के सपनों को साकार करना होमगार्ड का कर्तव्य है...।
राजीव कुमार झा
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