खबर सहरसा जिला के सोनबरसा प्रखंड अंतर्गत खजुराहा पंचायत से है जहां खजुराहा के सरकारी पोखर का नहीं हो पाया है जीर्णोद्धार
क्षेत्र में अतिक्रमण कार्यों की दबंगता और प्रशासनिक शिथिलता की वजह से कई सरकारी पोखर तलवों का अमृत सरोवर योजना के तहत जीर्णोदार नहीं किया जा सका है ऐसे में अतिक्रमणकारियों के लिए पोखर प्रतिवर्ष लाखों रुपए कमाई का जरिया बन रह गया है खजुराहो पंचायत के वार्ड नंबर 8 में ऐसा ही एक करीब सबा दो बीघा का तालाब है
जिसमें अब तक प्रशासन द्वारा अतिक्रमण से मुक्त नहीं कराया जा सका है जबकि उस तालाब के जीर्णोद्धार हेतु वर्ष 22 में अमृत सरोवर योजना के तहत तत्कालीन सीओ द्वारा एनओसी भी जारी कर दिया गया है जानकारी के अनुसार खजुराहा पंचायत स्थित खेसर 1262 खाता 3142 रखवा करीब सवा दो बीघा में फैले तालाब को अपनी जमीन बात कर खोजरहा पंचायत के हीरा सिंह द्वारा मछली पालन कर प्रतिवर्ष रुपए की कमाई की जा रही है वर्ष 2022 में अमृत सरोवर योजना के तहत क्षेत्र के पोखर तालाबों के जीर्णोदार का कार्य प्रारंभ हुआ तो पंचायत के मुखिया प्रमिला देवी के द्वारा उक्त तालाब के जीर्णोदार हेतु बाकायदा अंचल कार्यालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर कार्य प्रारंभ किया गया
लेकिन जिलों द्वारा का कार्य प्रारंभ होते ही हीरा सिंह द्वारा उसे अपना निजी तालाब बात कर कार्य रोक दिया हीरा सिंह का कहना था कि पुराने खतियान में यह पोखर उसके वंशजों के नाम से है जबकि पुराने खतियान में उक्त पोखर गैर मजरूआ बिहार सरकार तथा नए खतियान में अनुवाद बिहार सरकार अंकित है मामला विवादित देख मुखिया पर मिला दे भी सहरसा न्यायालय की शरण में चली गई न्यायालय ने भी अपने आदेश में उक्त तालाब को बिहार सरकार की जमीन ही बताया है बावजूद हीरा सिंह द्वारा तालाब की जिम्नोद्धार कार्य को जबरन बाधित कर रखा गया है
अंबुज कुमार की खास रिपोर्ट
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें