बड़हिया की तरह लखीसराय में भी भूमिहार संगठित हैं और इनसे बदमाशों के ऐसे गिरोह के लोग दूरी बनाते हैं। आशीष चौधरी ने यहां के किसी गिरोह की मदद दुर्गा झा की हत्या में शायद ली थी। बड़हिया और खुटहा की जगह अब लखीसराय अपराध का केन्द्र है। बड़हिया और इंदुपुर के लोग भी लखीसराय के बदमाशों से जरूरत के अनुरूप संपर्क करते हैं। इन गिरोहों का पुलिस ने कई बार सफाया किया है। ये लोग पैसे लेकर लक्षित लोगों की हत्या में शामिल होते हैं। कार्तिकेयन जब लखीसराय के एसपी थे तो दुसाधों ने कजरा में भी सोनार की दुकान में लूटपाट और उसकी हत्या की थी। लखीसराय पुलिस ने अहले सुबह त्वरित कार्रवाई करते हुए अपराधियों को पकड़ा था। यहां स्टेशन के आसपास अपराधी घूमते दिखाई देते हैं लेकिन बड़हिया के लोगों से डरते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि पटना जाने के दौरान ट्रेन से बड़हिया के लोग उन्हें उतारकर बेरहमी से पीटेंगे। इसलिए बड़हिया के लोगों से बदमाशी करने से वे बचते हैं। क्या लखीसराय की दुर्गा झा और आशीष चौधरी के फोटोग्राफ्स सगाई के हैं ?मुंगेर के डीआईजी ने इन्हें विवाहित लोगों का फोटो बताया है लेकिन द