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जुलाई, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

रोल ऑफ़ रिकॉम्बिनेंट डीएनए टेक्नोलॉजी इन ह्यूमन हेल्थ "टॉपिक पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया।

जंतु विज्ञान विभाग में रिकॉम्बिनेंट डीएनए टॉपिक पर सेमिनार का हुआ आयोजन. मधेपुरा । टी पी कॉलेज मधेपुरा के जंतुविज्ञान बिभाग में स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर के छात्रों के लिए" रोल ऑफ़ रिकॉम्बिनेंट डीएनए टेक्नोलॉजी इन ह्यूमन हेल्थ "टॉपिक पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया।  जिसमें विभागध्यक्ष प्रो डॉ पंकज कुमार नें सम्बोधित करते हुवे कहा की रिकॉम्बिनेंट डीएनए  एग्रीकल्चर,इंडस्ट्रियल एरिया, थेरेपीटीक एरिया एवं बीमारी की पहचान करके सटीक इलाज किया जाता हैं.वही इस संगोष्ठी को भौतिकी विभाग के बिभागध्यक्ष प्रो डॉ शिवनन्दन प्रसाद यादव नें भी सम्बोधित किया वही संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए विभाग के अतिथि सहायक प्राध्यापक डॉ ब्रजेश कुमार सिंह नें कहा की जेनेटीक इंजीनियरिंग के तहत हीं  कई गंभीर बीमारियों के लिए सही और सटीक इलाज का विकल्प बना और क़ृषि के क्षेत्र में भी बदलाव हुवा जिससे नई तकनीक के माध्यम से निरंतर उपज में सफलता मिल रही है.वही विभाग की डॉ सीमा कुमारी,छात्र प्रिया सास्वत,राकेश कुमार, ग़ालिब आलम,आनंद वर्धन,निरंजन कुमार, विवेक क

प्रभारी धर्मेंद्र श्योराण व आबकारी चौकी प्रभारी देवपाल सिंह व उनकी टीम पूरी लगन एवं निष्ठा के साथ अपने लक्ष्य एवं उद्देश्य को पूरा कर शातिर वाहन चोरों को पहुंचा रहें उनके अंजाम

शहर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक महावीर सिंह चौहान के नेतृत्व में खालापार चौकी प्रभारी धर्मेंद्र श्योराण व आबकारी चौकी प्रभारी देवपाल सिंह व उनकी टीम पूरी लगन एवं निष्ठा के साथ अपने लक्ष्य एवं उद्देश्य को पूरा कर शातिर वाहन चोरों को पहुंचा रहें उनके अंजाम खालापार चौकी प्रभारी धर्मेंद्र श्योराण व आबकारी चौकी प्रभारी देवपाल सिंह व उनकी टीम में है0कां0 रोहताश कुमार व है0कां0 अनिल कुमार व है0कां0 शिवओम भाटी व कां0 जितेन्द्र व कां0 सचिन कुमार तेवतिया व कां0 मौ0 अश्फाक लगातार बेहतरीन दे रहें गुडवर्क मुजफ्फरनगर। कप्तान संजीव सुमन के कुशल एवं प्रभावी निर्देशन में शहर कोतवाली थाना प्रभारी निरीक्षक महावीर सिंह चौहान के नेतृत्व में उनके अधीनस्थ खालापार चौकी प्रभारी धर्मेंद्र श्योराण व आबकारी चौकी प्रभारी देवपाल व उनकी टीम आत्मविश्वास से लबालब होकर कानून व्यवस्था को मजबूती के साथ कानून का राज स्थापित तो कर ही रही हैं साथ ही वाहन चोरों पर प्रहार कर कानून के शिकंजे में कस कर उन्हें उनके अंजाम तक पहुंचा रहे हैं। आज भी शहर शहर कोतवाली थाना प्रभारी निरीक्षक महावीर सिंह चौहान के नेतृत्व में खाला

समकालीन हिंदी साहित्य: सारे देश के कवियों की कविताओं का सुंदर और संग्रहणीय संकलन

साहित्य लेखन पुस्तक समीक्षा पुस्तक का नाम:आवाज रचनाकारों की संपादन: डॉ. तपस्या चौहान प्रकाशक: गीता प्रकाशन 4-2-771 रामकोट चौरस्ता हैदराबाद 500001 तेलंगाना मोबाइल 9849250784 समकालीन हिंदी साहित्य:  सारे देश के कवियों की कविताओं का सुंदर और संग्रहणीय संकलन डॉ. तपस्या चौहान के संपादन में प्रकाशित ' आवाज रचनाकारों की ' समकालीन हिंदी कविता में सृजनरत विभिन्न पीढ़ियों के लेखकों की प्रतिनिधि रचनाकारों का पठनीय संग्रह है। इसमें संग्रहित लेख और कविताएं बरबस ही सबका ध्यान अपनी ओर आकृष्ट करते हैं। पुस्तक के  पहले खंड   में इसमें डा . तपस्या चौहान का दलित कहानी के बारे में लिखी रचना इस लेखनधारा की प्रवृत्तिगत विशिष्टता पर प्रकाश डालता है और इसी संदर्भ में डा . नागेन्द्र जगन का लेख भी उल्लेखनीय है और इसमें आधुनिक हिंदी उपन्यास और अस्तित्ववाद विषय  पर विवेचन किया गया है। इसके अगले लेख में ' डॉ. के . निर्मला के द्वारा समकालीन हिंदी उपन्यासों में सामाजिक चेतना विषय पर वैचारिक विमर्श पढ़ने को मिलता है। इसके बाद एक लेख में डा . दासरी मौलाली के लेख में अहिंदी भाषी प्रदेश के हिंदी

बिहार के बड़हिया अंचल में गाये जाने वाले होली के गीतों का संग्रहणीय संकलन

पुस्तक समीक्षा : लोक साहित्य संस्कृति  Wish you a happy Holi फाग - धमार होली गीत संकलन कर्ता: रामजी प्रसाद सिंह बड़हिया ( श्रीकंठ ) वाहापर मूल्य ₹ 60/- जिला - लखीसराय ( बिहार) पिन 811302 मोबाइल 8678858284 बिहार के बड़हिया अंचल में गाये जाने वाले होली के गीतों का संग्रहणीय संकलन  बिहार के लखीसराय जिले में स्थित बड़हिया का अंचल गंगातट पर स्थित मंदिरों ठाकुरबाड़ियों  शिवालयों बाग बगीचों और टाल के खेत खलिहानों के लिए सारे देश में प्रसिद्ध रहा है और यहां के जनजीवन की छटा भी निराली है। सभी त्योहारों की तरह होली का त्योहार भी बड़हिया में काफी काल से धूमधाम से मनाया जाता रहा है। बिहार में होली गायन की कई शैलियां प्रचलित है और इनमें राज्य के मगही बोली के क्षेत्रांतर्गत स्थित इस गांव नगर में लटका शैली में गाये जाने वाले होली के गीतों में जीवन के समस्त भावों की अभिव्यंजना हुई है और  यहां के जनजीवन का सहज स्वर इनमें प्रवाहित होता आज भी सबके मन को अभिभूत करता है।  बड़हिया में होली के गीतों की गायन परंपरा अब खत्म भी हो रही है और देश की लोक-संस्कृति के संरक्षण में संलग्न संस्थाओं को इस दि

जिसमे कोई साधारण इंसान नही करा सकते अपना कोई भी काम अधिकारियों ने छोड़ रखे है

 फिरोजाबाद  स्मभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय फिरोजाबाद मैं होती है खुले  आम दलाली जिसमे कोई साधारण इंसान नही करा सकते अपना कोई भी काम  अधिकारियों ने छोड़ रखे है प्राइवेट लड़के जब कोई अपना जैसे  ड्राइवरी लाइसेंस बनवाने आते हैं तो कंप्यूटर पर बैठे प्राइवेट लड़के मांगते हैं  खुलेआम ₹1000 और कहते हैं करना जोभी  करलो हमारा कोई कुछ नहीं उखाड़ सकता और आरसी  का कोई भी काम हो प्राइवेट लड़के लेते हैं खुलेआम इसमें आज लड़कों के नाम ओपन की जाते हैं और और प्राइवेट लड़कियां भी कर रही हैं खुलेआम दलाली जिनकी पढ़ने की उम्र है वह कर रही हैं  फिरोजाबाद उप संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय में दलाली 1 राज कुमार बलाई यश वीर सिंह  विनोद बघेल  राज कुमार खुशवाह  रिशव कुमार टिंकू कुशवाह  विकास शाहू (प्राइवेट लड़कों मैं सबसे बड़ा दलाल) आदि दलाल रूप मैं कार्य कर रहे हैं इनके ऊपर हाथ भ्रष्ट अधिकारियों का रखा हुआ है कपिल व्यास फिरोजाबाद

रुपये कमाने का शॉर्टकट तरीका है सेक्‍सटॉर्शन।

रुपये कमाने का शॉर्टकट तरीका है सेक्‍सटॉर्शन।  पुरुष की कमजोरी है सेक्‍स। जिस टॉपिक पर खुल कर बात नहीं होगी, उसके प्रति लोगों की उत्‍सुकता उतनी ही बनी रहती है।  इसके जाल में बड़े-बड़े धुरंधर ट्रैप हो जा रहे हैं। चाहते तो सभी हैं कि उनका संबंध एक साथ कई लड़कियों से हो। लेकिन इसकी जानकारी सरेआम न हो। लोग फंसने के बाद भी इसकी चर्चा लोगों से नहीं करते। नतीजा होता है कि एक-एक करके लोग फंसते जाते हैंं। सोचिए, हर चौथा कॉल आज कल सेक्‍सटॉर्शन का आ रहा है। इसके बाद भी इसकी चर्चा आम तौर पर नहीं हो रही है।    इस फॉर्मूले को ठग समझ चुके हैं। वे कुछ पोर्न वीडियो दिखा कर पुरुषों को जाल में फंसाते हैं। इसके बाद इसे सरेआम करने की धमकी देकर जबरन उगाही करते हैं। ऐसे कॉल अब आम हो गये हैं। हर चौथा कॉल सेक्‍सटॉर्शन का आ रहा है। कई लोग तो इस जाल में फंस सुसाइड तक कर चुके हैं।  इस जाल से बचना होगा। ये ठग आपका व्‍हाट्सएप नंबर मांगते हैं। उस पर वीडियो कॉल आता है।  उसमें पोर्न वीडियो डिस्‍प्‍ले होने लगता है। अब उधर से ठग पुरुष को भी न्‍यूड होने कहता है। आपके न्‍यूड होते ही स्‍क्रीन से रिक

नामवर सिंह का साहित्यिक अवदान

हिंदी के युगपुरुष के रूप में आज नामवर सिंह के जन्मदिन का आयोजन सारे देश में हो रहा है  और यह सबसे खुशी की बात है। नामवर सिंह के बारे में यह कहा जाता है कि वह पहले कवि थे और बाद में बनारस के हिन्दू विश्वविद्यालय में पढ़ाई - लिखाई के बाद आलोचना लेखन की ओर उनका झुकाव कायम हुआ और उन्होंने साहित्य चिंतन के क्षेत्र में ख्याति अर्जित की सारे लोगों ने भी उनको स्वीकार किया। वह वामपंथी रुझान वाले चिंतक थे और देश की आजादी के बाद जब साहित्य में भी जीवन के अन्य क्षेत्रों की तरह वैचारिक विमर्शों में संकीर्णता और निरर्थक प्रवृतियों का समावेश हुआ तो उस वक्त उन्होंने साहित्य और संस्कृति को पतन की प्रवृत्तियों से उबारने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। उन्हें महान लेखक और विचारक हजारी प्रसाद द्विवेदी का शिष्य माना जाता है और उनकी चिंतन परंपरा को विस्तार देने वाले आलोचक के रूप में नामवर सिंह का नाम प्रगतिशील लेखक के रूप में सदा स्मरणीय रहेगा । नामवर सिंह को मैंने कई बार दिल्ली में रहने के देखा और सुना। मेरी पढ़ाई - लिखाई यहां जामिया मिल्लिया इस्लामिया में संपन्न हुई और इसकी साहित्यिक संगोष्ठियों में व

इक प्रेम दीवानी, इक दरस दीवानी..साधारण से बोल।

औ फिल्मनामा राम_तेरी_गंगा_मैली एक राधा, एक मीरा दोनों ने श्याम को चाहा अन्तर क्या दोनों की चाह में बोलो इक प्रेम दीवानी, इक दरस दीवानी.. साधारण से बोल।  कम से कम साजिंदों के साथ बना संगीत। लेकिन, स्वर लता मंगेशकर का। और, इस आवाज ने ही इस गीत में असली कमाल कर दिया। रवींद्र जैन हिंदी सिनेमा के उन संगीतकारों में शुमार रहे हैं, जिनके बनाए गीत हिंदी सिनेमा के सौ सर्वश्रेष्ठ कालजयी गीतों में गिने जाते हैं। ये जानकर हैरानी होती है कि जो संगीतकार फिल्म ‘फकीरा’ का गाना ‘दिल में तुझे बिठाके’, फिल्म ‘अंखियों के झरोखों से’ का शीर्षक गीत और फिल्म ‘चोर मचाए शोर’ का ‘घुंघरू की तरह बजता ही रहा हूं मैं’, कंपोज कर चुका हो, उसका जिक्र हिंदी सिनेमा संगीत में शंकर जयकिशन, लक्ष्मीकांत प्यारेलाल और आर डी बर्मन के साथ कम ही होता है। ऊपर जिस गीत की लाइनें मैंने यहां लिखी हैं, वे रवींद्र जैन की हैं। इन्हीं को गाते उन्हें राज कपूर ने सुना फिल्म ‘प्रेम रोग’ के बाद एक फंक्शन में और फिर उसी दिन ये गाना राज कपूर की सबसे चर्चित फिल्मों में से एक ‘राम तेरी गंगा मैली’ का गाना हो गया। राज कपूर ने रवींद्र जैन

फिर शुरू हुई मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट सुनील सिंह फिर बने हॉट केक

15 अगस्त से पहले बिहार मंत्रिमंडल का होगा विस्तार फिर_चर्चा_में_डॉक्टर_सुनील_कुमार_सिंह बिहार के छपरा जिले के सोनपुर विधानसभा क्षेत्र के डुमरी बुजुर्ग ग्राम निवासी राजद के विधान परिषद सदस्य तथा बिस्कोमान के चेयरमैन डॉक्टर सुनील कुमार सिंह राजद के राजपूत कोटे से मंत्री पद के सबसे प्रबल दावेदार हैं हालांकि कभी भी डॉ सुनील कुमार सिंह ने किसी भी मंच से खुद के लिए कुछ नहीं मांगा। राजनीति में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के आशीर्वाद से आए उनकी निष्ठा राजद सुप्रीमो के परिवार के प्रति ही हैं वह किसी पद या पावर की लालच में राजद में नहीं यही कारण है कि विकट से विकट परिस्थिति में राजद के हनुमान के तौर पर उनकी छवि निखर कर सामने आई  परिवारिक स्तर पर भी राजद सुप्रीमो का परिवार अगर किसी एक व्यक्ति पर आंख बंद करके विश्वास कर सकता है तो उसका नाम भी डॉक्टर सुनील कुमार सिंह ही है और यही कारण है कि अपने सगे भाइयों से अनबन होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी डॉक्टर सुनील कुमार सिंह के कलाइयों पर राखी बांधती है और इस राखी का मोल सुनील कुमार सिंह भी पूरी शिद्दत के साथ निभाते ह

कुशलता की कामना से शुरू होते थेंबड़ों के चरणस्पर्श पर ख़त्म होते थें

वो नीली चिट्ठियां कहां खो गई जिनमे लिखने के सलीके छुपे होते थे कुशलता की कामना से शुरू होते थें बड़ों के चरणस्पर्श पर ख़त्म होते थें और बीच में लिखी होती थी जिंदगी प्रियतमा का विछोह, पत्नी की विवशताएं नन्हें के आने की खबर, मां की तबियत का दर्दं और पैसे भेजने का अनुनय फसलों के खराब होने की वजह कितना कुछ सिमट जाता था एक नीले से कागज में जिसे नवयौवना भाग कर सीने से लगाती और अकेले में आंखों से आंसू बहाती मां की आस थी ये चिट्ठियां पिता का संबल थी ये चिट्ठियां बच्चों का भविष्य थी ये चिट्ठियां और गांव का गौरव थी ये चिट्ठियां अब तो स्क्रीन पर अंगूठा दौड़ता हैं और अक्सर ही दिल तोड़ता हैं मोबाइल का स्पेस भर जाए तो सब कुछ दो मिनिट में डिलीट होता हैं सब कुछ सिमट गया छै इंच में जैसे मकान सिमट गए फ्लैटों में  जज्बात सिमट गए मैसेजों में चूल्हे सिमट गए गैसों में और इंसान सिमट गए पैसों में,, 

आज महुआ बाजार में पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाला....

मोहर्रम को लेकर बिहार पुलिस सतर्कता बरत रही है... आज महुआ बाजार में पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाला....  मुहर्रम इस्लाम धर्म मानने वालों का प्रमुख त्योहार है....मुस्लिम समुदाय का मातमी पर्व मोहर्रम मनाया जा रहा है। दरअसल मोहर्रम एक महीना है, इसी महीने से इस्‍लाम धर्म के नए साल की शुरुआत होती है। मोहर्रम के दौरान कहीं भी किसी तरह का तनाव पैदा नहीं हो शांतिपूर्ण यह मनाया जा सके ...इसके लिए पुलिस अपनी उपस्थिति दिखाती है ताकि किसी तरह की अप्रिय घटना से बचा जा सके  फ्लैग मार्च का नेतृत्व महुआ एसडीपीओ करती हुईं दिखी  .... एसडीपीओ के नेतृत्व में फ्लैग मार्च निकाला गया .... इस फ्लैग मार्च में एसडीपीओ  सुरभ सुमन एसडीओ निवेदिता और महुआ थानाध्यक्ष प्रभात रंजन सक्सेना सबइंस्पेक्टर परशुराम सिंह सहित दर्जनों पुलिसकर्मी शामिल थे... हालांकि इस बार प्रशासन ने मोहर्रम के दौरान डीजे बजाने पर रोक लगाई है जिसका पालन कराने के लिए महुआ थाना पर शांति समिति की बैठक आयोजित की गई थी... जिसमें सभी को निर्देश दिया गया कि इस दौरान डीजे का उपयोग नहीं करें... डीजे बजाने पर रोक लगाई गई है... लेकिन

बटरहा स्थित माकपा कार्यालय से प्रधानमंत्री एवं मणिपुर मुख्यमंत्री के अर्थी के साथ प्रतिरोध मार्च निकाला गया।

देश को शर्मशार करने वाली मणिपुर की विभत्स घटना के खिलाफ माकपा का प्रतिरोध मार्च एवं अर्थी जुलूस। सहरसा, 25 जुलाई               भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी सीपीएम के राज्यव्यापी आहवान पर सहरसा में माकपा, किसान सभा एवं सीटू से संबद्ध जनसंगठनों के द्वारा बटरहा स्थित माकपा कार्यालय से प्रधानमंत्री एवं मणिपुर मुख्यमंत्री के अर्थी के साथ प्रतिरोध मार्च निकाला गया। प्रतिरोध मार्च एवं अर्थी जुलूस में झंडा - बैनर से लेश आन्दोलनकारियों ने - मणिपुर के दोषियों को फांसी दो , मणिपुर के मुख्यमंत्री का बर्खास्त करो, मणिपुर की घटना पर प्रधानमंत्री जबाव दो, महिलाओं पर जुल्म करना बंद करो, मणिपुर जल रहा है प्रधानमंत्री जबाव दो आदि गगनचुंबी नारा लगाते शंकर चौक पर प्रधानमंत्री एवं मणिपुर मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया। पुतला दहन के बाद पार्टी नेता गणेश प्रसाद सुमन की अध्यक्षता में नुक्कड़ सभा को संबोधित करते सीपीएम जिला सचिव रणधीर यादव ने कहा कि मणिपुर की विभत्स घटना दुनिया में भारत को शर्मशार कर दिया है। पुलिस की गाड़ी से कारगिल युद्ध के एक नायक की पत्नी एवं एक बेटी को उतार

जीवन के वर्तमान सवालों को लेकर समाज के साथ संवाद रचती कहानियां!

साहित्य लेखन  पुस्तक समीक्षा चौखट की ओट से (कहानी संग्रह) लेखिका : सुरंजना पांडेय  तनीषा प्रकाशन  बिंदुखत्ता, लालकुआं  नैनीताल, उत्तराखंड  जीवन के वर्तमान  सवालों को लेकर समाज के साथ संवाद रचती कहानियां! सुरंजना पांडेय का नाम समकालीन हिंदी कहानी लेखन में सुपरिचित है और उनकी कहानियों में मौजूदा दौर के बदलते परिवेश में जिंदगी की नयी रंगतों के बीच समाज की नयी - पुरानी बातों की चर्चा को खास तौर पर विषयवस्तु के रूप में यहां उपस्थित देखा जा सकता है। इस दृष्टि से उनके नये कहानी संग्रह "चौखट की ओट से " में संकलित तमाम कहानियों को आद्योपांत पढ़ना एक दिलचस्प अनुभव  साबित होता है। साहित्य में कहानी के माध्यम से जीवन की सहज सार्थक विवेचना सामने आती है और इस तथ्य के मद्देनजर सुरंजना पांडेय की कहानियों में प्रेमचंद की तरह से ही समाज की  तमाम छोटी - बड़ी घटनाओं के माध्यम से घर परिवार आंगन चौखट से लेकर इससे बाहर के विस्तृत संसार में    मनुष्य के जीवन में घटित होने वाली समसामयिक विषयों की तमाम बातों को जानने - समझने की चेष्टा शिद्दत से समाहित दिखाई देती है। अपनी इन कहा